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उत्तान मंडूकासन की विधि लाभ सावधानियां | Uttana Mandukasana Kaise Kare | उत्तान मंडूकासन के फायदे

उत्तान मंडूकासन का नामकरण

उत्तान मंडूकासन कुक्कुटासन एवं कूर्मासन की भांति शरीर संवर्धनात्मक आसनों की श्रेणी के अंतर्गत आने वाला एक प्रमुख आसन है। यहाँ मण्डूक का अर्थ है- मेंढक। इस आसन में शरीर की आकृति मेंढक के शरीर के समान हो जाती है इसलिए इस आसन को उत्तान मंडूकासन के नाम से जाना जाता है। उत्तान मंडूकासन के लिए मंडूकासन में दोनों पाँवों को पृष्ठभाग में ले जाकर अँगूठे मिलाकर दोनों घुटनों को आगे रखते हैं, इस प्रकार यह आसन मंडूकासन कहलाता है। मण्डूकासन करके मस्तक को केहुनियों पर टिका लेते हैं और मेंढक के समान उत्तान हो जाते हैं यह आसन उत्तान मण्डूकासन कहलाता है।

उत्तान मंडूकासन की विधि

उत्तान मण्डूकासन का अभ्यास सुप्त वज्रासन के समान किया जाता है। वज्रासन लगाकर पीछे लेट जाते हैं और सिर को नीचे रख लेते हैं, तत्पश्चात दोनों जाँघे एक साथ रहती हैं, यह सुप्त वज्रासन है। इसमें नितम्ब एड़ी के ऊपर रहते हैं, वज्रासन की ही तरह केवल पीठ धुनषाकार मुड़ी हुई रहती हैं। उत्तान मण्डूकासन में कमर को भी उठा दिया जाता है। कमर को उठाने से शरीर का भार केवल घुटनों और सिर पर रहता है तथा इसमें पैर अलग-अलग रहते हैं।

How-to-do-Uttana-Mandukasana

उत्तान मंडूकासन की विधि लाभ एवं सावधानियां वीडियो देखें

इस प्रकार की स्थिति में आने के बाद दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखते हैं, सिर एवं मेरुदण्ड को सीधा रखते हैं। शरीर की इस प्रकार की स्थिति होने के बाद आँखों को बन्द करते हैं और पूरे शरीर को शिथिल बनाते हैं। यह आसन 'मण्डूक' अर्थात् मेंढक की भाँति दिखने वाला आसन उत्तान मंडूकासन है।

उत्तान मंडूकासन के लाभ

उत्तान मंडूकासन के लाभ मंडूकासन एवं वज्रासन आदि आसनों के लाभ के समान ही है। उत्तान मंडूकासन में नितम्ब जमीन पर रखने से पैरों की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उत्तान मंडूकासन के अन्य लाभ

  • इस आसन को करने से पैरों की मांसपेशियों में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है।
  • उत्तान मंडूकासन के अभ्यास से ताजगी का अनुभव होता है।
  • उत्तान मंडूकासन का नित्य अभ्यास करने से वीर्य की रक्षा होती है।
  • मानसिक उत्तेजना को शान्त करने, मन को अन्तर्मुखी बनाने के लिए उत्तान मंडूकासन का अभ्यास लाभकारी है।
  • इस आसन का अभ्यास छाती के विस्तार, श्वसन प्रणाली से सम्बन्धित रोगों के निदान, स्पॉण्डिलाइटिस, स्लिपडिस्क, साइटिका इत्यादि के उपचार में अधिक लाभकारी है।

उत्तान मंडूकासन की सावधानियाँ

उत्तान मंडूकासन अन्य आसनों की तुलना में सरल आसन है। उत्तान मंडूकासन के अभ्यास के दौरान यदि जांघों में दर्द का अनुभव होता हो तो इसी आसन में घुटनों को थोड़ा अलग कर लेते हैं। प्रारम्भिक अभ्यासियों को थोड़ी देर उत्तान मंडूकासन में बैठने से एड़ियों में दर्द होने लगता है, इसे दूर करने के लिए पैरों को थोडा फैला देते हैं। इस आसन की अन्य सावधानियां मंडूकासन के समान ही हैं। इस आसन में श्वास की गति को सामान्य ही रखते हैं और धारणा का केन्द्र मणिपुर चक्र होता है।

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