Recents in Beach

योगतत्वोपनिषद का सम्पूर्ण परिचय | Yog Tatva Upanishad in Hindi | योगतत्वोपनिषद परिचय

योगतत्वोपनिषद् का परिचय

योगतत्त्वोपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद से सम्बंधित उपनिषद् माना जाता है। इस उपनिषद् में योग विषयक विविध उपादानों का विस्तार से वर्णन किया गया है। भगवान् विष्णु के द्वारा पितामह ब्रह्मा के लिए योग विषयक गूढ़ तत्त्वों के निरूपण के साथ योगतत्त्वोपनिषद् का शुभारम्भ हुआ है। उपनिषद क्या हैं इस विषय में हम पूर्व में ही जान चुके हैं इस उपनिषद् में कैवल्य रूपी परमपद की प्राप्ति के लिए योग मार्ग ही श्रेष्ठ साधन बताया गया है।

योग तत्वोपनिषद् में मन्त्रयोग, लययोग, हठयोग एवं राजयोग के क्रम में इनकी चार अवस्थाओं (आरम्भावस्था, घटावस्था, परिचयावस्था एवं निष्पत्यावस्था) का वर्णन हुआ है।

- किसी भी एग्जाम हेतु उपनिषदों का कोर्स + नोट्स सहित यहाँ से प्राप्त करें -

आगे चलकर योगी के आहार-विहार एवं दिनचर्या का भी उल्लेख किया गया है। आगे इसी क्रम में योगसिद्धि के प्रारम्भिक लक्षणों का वर्णन तथा उससे सावधान रहने का निर्देश भी इस उपनिषद् में दिया गया है।

Yog Tatva Upanishad Ka Parichay

योगतत्वोपनिषद् का सम्पूर्ण परिचय वीडियो देखें

उपनिषद् के अनुसार पूर्णमनोयोग से की गयी योगसाधना नि:सन्देह सफल होती है, जो योगी साधक को सभी सिद्धियों (अणिमा, गरिमा, महिमा आदि) अष्टसिद्धियों से सम्पन्न कर देती है, साथ ही वह साधक ईश्वरीय शक्तियों का अधिकारी बन जाता है और अन्ततः वह आत्मतत्त्व का निर्वात दीपशिखा की तरह अन्त:करण में साक्षात्कार करके संसार के आवागमन चक्र से मुक्त हो जाता है। इसी फलश्रुति के साथ योगतत्त्व उपनिषद् का समापन हुआ है। योगतत्वोपनिषद का परिचय इस प्रकार से प्राप्त होता है।

अगर आप इच्छुक हैं तो योग विषयक किसी भी वीडियो को देखने के लिए यूट्यूब चैनल पर जाएं। साथ ही योग के किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए योग के बुक्स एवं टूल्स स्टोर पर जाएं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ