Recents in Beach

निरालम्बोपनिषद का परिचय | Niralamba Upanishad in Hindi | निरालम्ब उपनिषद

निरालम्बोपनिषद का परिचय

निरालम्बोपनिषद् शुक्ल यजुर्वेद से सम्बद्ध उपनिषद् है जो की अन्य उपनिषदों की भांति संस्कृत भाषा में ही लिखित है। इस उपनिषद् में ब्रह्म, ईश्वर, जीव, प्रकृति, जगत, ज्ञान, कर्म आदि का सुन्दर विवेचन किया गया है। उपनिषद् के अंतर्गत ईश्वर के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा गया है की- निर्विकार ब्रह्म जब प्रकृति के साथ सृष्टि का सृजन करके उसका ईशन-शासन-संचालन करता है, तो वह ईश्वर कहलाता है। इसी प्रकार विभिन्न संबोधनों को परिभाषित किया गया है।

Niralamba Upanishad in Hindi

निरालम्बोपनिषद में ऋषि जाति-पाति सम्बन्धी भ्रांतियों का निवारण करते हुए और आत्मा के स्वरुप को समझाते हुए कहते हैं कि वह आत्मा, रक्त, चमड़ा, मांस, हड्डियों आदि से सम्बन्थित नही है, वह तो व्यवहार के क्रम में कल्पित व्यवस्था मात्र है। इसी प्रकार अहंता, ममता आदि को त्यागकर इष्ट में समर्पित हो जाने को संन्यास कहते हुए उन्हीं को मुक्त, पूज्य, योगी, परमहंस आदि उपाधियों से विभूषित होने की बात समझायी गयी है।

ऐसी स्थिति प्राप्त करके ही साधक जन्म-मरण के बन्धनों को काट सकता है अर्थात् जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो सकता है। निरालम्बोपनिषद् का परिचय इस प्रकार से प्राप्त होता है।

अगर आप इच्छुक हैं तो योग विषयक किसी भी वीडियो को देखने के लिए यूट्यूब चैनल पर जाएं। साथ ही योग के किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए योग के बुक्स एवं टूल्स स्टोर पर जाएं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ