ऊतक किसे कहते हैं
अंतरा कोशिकी पदार्थ सहित एक ही आकर की तथा किसी एक ही कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक या टिशू कहा जाता है। प्रत्येक ऊतक की अपनी एक निश्चित रचना तथा उसका अपना एक निश्चित कार्य होता है। बहुत से ऊतक मिलकर मानव शरीर के अंगों का निर्माण करते हैं। ऊतक शब्द फ्रांसीसी भाषा के शब्द टिशू से निकला है, जिसका अर्थ होता है संरचना या बनावट। ऊतक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांसीसी शरीर वैज्ञानिक बिशैट BICHAT ने 18वीं शताब्दी के अंत में शरीर या शरीर रचना विज्ञान के प्रसंग में किया था।
जैसा कि ज्ञात है कि मानव एक बहुकोशीय प्राणी MULTICELLULAR ORGANISM है, जिसमें कोशिकाएँ रचना तथा कार्य में एक दूसरे से भिन्न होती हैं। एक प्रकार की कोशिकाएँ, एक ही प्रकार का कार्य करती हैं और एक ही वर्ग के ऊतकों जैसे- अस्थि, उपास्थि, पेशी आदि का निर्माण करती हैं। संक्षेप में समान रचना तथा समान कार्यों वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं। प्रत्येक ऊतक का अपना विशिष्ट कार्य होता है।
ऊतकों का निर्माण करते समय कोशिकाएँ आपस में एक दूसरे से एक विशेष अन्तरा कोशिकी पदार्थ INTERCELLULAR SUBSTANCE के द्वारा जुड़ी और सम्बन्धित रहती हैं। बहुत से ऊतक मिलकर शरीर के अंगों ORGANS, जैसे- आमाशय, गुर्दे, यकृत, मस्तिष्क आदि का निर्माण करते हैं। प्रत्येक अंग का भी अपना विशिष्ट कार्य होता है। विभिन्न अंग परस्पर मिलकर किसी संस्थान का निर्माण करते हैं जो किसी विशेष कार्य को करता है, जैसे- नाक, स्वरयन्त्र LARYNX, श्वास प्रणाल TRACHEA एवं फेफड़े मिलकर श्वसन संस्थान अर्थात् तन्त्र का निर्माण करते हैं, जो कि शरीर एवं वायुमण्डल के बीच ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करता है।
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ऊतक के प्रकार
मानव शरीर का निर्माण प्रारम्भिक ऊतकों ELEMENTARY TISSUES के मिलने से होता है। ऊतक को चार प्रकार से बांटा गया है- उपकला ऊतक, संयोजी ऊतक, पेशीय ऊतक, तन्त्रिका ऊतक जिनका वर्णन निम्न प्रकार से है-
1. उपकला ऊतक EPITHELIAL TISSUE - उपकला ऊतक एक अत्यंत महीन एवं चिकनी झिल्ली होती है जो शरीर के भीतरी अंगों के बाह्य पृष्ठों को आच्छादित किए हुए है। इसी का दूसरा रूप शरीर के कुछ खोखले विवरों के भीतरी पृष्ठ को ढके रहता है, जिसे अंतर्कला कहा जाता है।
2. संयोजी ऊतक CONNECTIVE TISSUE - संयोजी ऊतक मानव शरीर में एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का कार्य करता है। यह ऊतक प्रत्येक अंग में पाया जाता है। यह ऊतकों का एक विस्तृत समूह है। संयोजी ऊतकों का विशिष्ट कार्य संयोजन करना, अंगों को आच्छादित करना तथा उन्हें सही स्थान पर रखना है।
3. पेशीय ऊतक MUSCULAR TISSUE - पेशीय ऊतक प्राणियों का आकुंचित होने वाला ऊतक है। इनमें आंकुंचित होने वाले सूत्र होते हैं जो कोशिका का आकार बदल देते हैं। पेशी कोशिकाओं द्वारा निर्मित उस ऊतक को पेशीय या पेशी ऊतक कहा जाता है।
4. तन्त्रिका ऊतक NERVOUS TISSUE - जिस तन्त्र के द्वारा विभिन्न अंगों का नियंत्रण और अंगों और वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता है उसे तन्त्रिका ऊतक कहते हैं।
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