शोध या अनुसंधान का अर्थ
शोध या अनुसन्धान शब्द का प्रयोग अब ज्ञान की प्रत्येक शाखा के गहन अध्ययन के निमित्त होने लगा है। शिक्षा तथा मनोविज्ञान के क्षेत्र में भी 'अनुसन्धान' शब्द लोगों के लिए अब अपरिचित नहीं है। अनुसन्धान की प्रकृति के सम्बन्ध में विचार करने से पूर्व इसी अर्थ में प्रयुक्त होने वाले दो अन्य शब्दों को भी देख लेना उचित होगा। वे शब्द हैं 'शोध' और 'गवेषणा'। 'शोध' शब्द एक प्रकार की शुद्धि, संस्कार या संशोधन का अर्थ देता है। इस सन्दर्भ में यह कहा जा सकता है कि प्रदत्तों के विश्लेषण, सारणीयन और कुछ-कुछ स्पष्टीकरण के लिए 'शोध' शब्द का प्रयोग कर तो सकते हैं; किन्तु इससे व्यापक निष्कर्षों तक पहुँचने की प्रक्रिया का आभास नहीं मिलता है।
अंग्रेजी भाषा के 'रिसर्च' शब्द का हिन्दी रूपान्तरण शोध, अनुसंधान, गवेषण, अन्वेषण, खोज आदि शब्दों में किया जाता है। लेकिन, शोध शब्द का व्यवहार अधिक सही माना जाता है। रिसर्च RESEARCH शब्द वास्तव में फ्रांसीसी भाषा के 'रिचर्च' RECHERCHE शब्द से बना है, जिसका अर्थ है देखना TO LOOK, खोज करना आदि। इस दृष्टिकोण से शोध का अर्थ हुआ नये ज्ञान की खोज करना। इस अर्थ में शोध शब्द का व्यवहार सबसे पहले ऐतिहासिक अनुसंधान के प्रसंग में किया गया। अतीत की ऐतिहासिक घटनाओं की खोज करने की जिज्ञासा ने शोध-कार्य RESEARCH WORK को जन्म दिया और इसी आधार पर आगे चलकर वैज्ञानिक शोध SCIENTIFIC RESEARCH का जन्म हुआ।
ऐतिहासिक शोध केवल अतीत तक ही सीमित रहा, किन्तु वैज्ञानिक शोध समय की सीमाओं से मुक्त हो चला। भूत, वर्तमान तथा भविष्य तीनों कालों से इसका सम्बन्ध होता चला गया। आज इसी कारण से सभी जगह वैज्ञानिक शोध SCIENTIFIC RESEARCH की परिभाषा की आवश्यकता महसूस की गयी।
शोध की परिभाषा
भिन्न-भिन्न मनोवैज्ञानिकों ने शोध की परिभाषाएं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देने का प्रयास किया, जो निम्न प्रकार से दिए गये हैं-
1. ड्रेवर (DREVER, 1955) के अनुसार शोध की परिभाषा - किसी नये ज्ञान की खोज अथवा किसी पुराने ज्ञान के पुष्टिकरण के लिये किये गये व्यवस्थित प्रयास को शोध कहते हैं। उनके शब्दों में "शोध का तात्पर्य किसी क्षेत्र में ज्ञान या पुष्टिकरण के लिए किया गया व्यवस्थित अनुसन्धान से है।"
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2. पी. वी. यंग (P.V. YOUNG, 2001) के अनुसार शोध की परिभाषा - पी. वी. यंग ने भी शोध शब्द को नये ज्ञान की खोज अथवा पुराने ज्ञान के पुष्टिकरण के अर्थ में परिभाषित किया है। उनके अनुसार "शोध एक ऐसी व्यवस्थित विधि है, जिसके द्वारा नये तथ्यों की खोज तथा पुराने तथ्यों की पुष्टि की जाती है, और उनके अनक्रमों, परस्पर संबंधों, कारणात्मक व्याख्याओं एवं प्राकृतिक नियमों, जो उन्हें संचालित करते हैं, का अध्ययन किया जाता है।"
3. थियोडॉर्सन एवं थियोडॉर्सन (THEODORSON & THEODORSON, 1969) के अनुसार शोध की परिभाषा - "किसी समस्या के व्यवस्थित अध्ययन करने या किसी समस्या से सम्बन्धित ज्ञान का बढ़ाने के निष्पक्ष प्रयास को शोध कहा जा सकता है।"
4. करलिंगर (KERLINGER, 1964, 2002) के अनुसार शोध की परिभाषा - के द्वारा शोध की दी गयी परिभाषा अधिक समग्र, स्पष्ट तथा संतोषजनक है। उनके अनुसार "वैज्ञानिक शोध, प्राकृतिक घटनाओं के बीच अनुमानित सम्बन्धों की खोज हेतु निर्मित परिकल्पनाओं का व्यवस्थित, नियंत्रित आनुभविक तथा आलोचनात्मक अनुसंधान है।" स्पष्ट है कि विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने शोध RESEARCH शब्द को विभिन्न रूपों में परिभाषित करने का प्रयास किया है। सभी परिभाषायें अपने आप में संतोषजनक तथा एक-दूसरे की पूरक हैं। फिर भी, व्यावहारिक रूप से करलिंगर की परिभाषा अधिक समग्र तथा संतोषजनक है, क्योंकि यह परिभाषा शोध के स्वरूप NATURE को स्पष्ट करने में अधिक सफल तथा सक्षम है।
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