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डाटा क्या है | सूचना क्या है | What is Data and Information | डाटा या सूचना

डाटा क्या है

किसी वस्तु के बारे में किसी तथ्य या जानकारी को डाटा कहा जाता है। उदाहरण के लिए, जिस पेंसिल से हम लिखते हैं, उसके बारे में कई जानकारियाँ हो सकती हैं, जैसे की पेंसिल का वजन, उसका रंग, उसकी लम्बाई, उसकी कीमत, बनाने वाली कम्पनी का नाम आदि। इसी प्रकार किसी विद्यार्थी अर्थात् छात्र के बारे में उसका नाम, उसकी जन्मतिथि, उसके माता-पिता का नाम, उसकी कक्षा, स्कूल या कॉलेज में उसके द्वारा चुने गये विषय, उसके घर का पता आदि। ये सभी बातें डाटा के उदाहरण हैं अर्थात् डाटा कहलाते हैं

डाटा मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- संख्यात्मक तथा चिह्नात्मक। अंकों से बने हुए डाटा को संख्यात्मक डाटा कहा जाता है, जैसे किसी विद्यार्थी का रोल नंबर, मोबाइल नंबर, लम्बाई, प्राप्तांक, मूल वेतन आदि। संख्यात्मक डाटा में हम केवल 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 तथा 9 इन दस अंकों का प्रयोग करते हैं और इनके साथ दशमलव बिन्दु ., धन + और ऋण - आदि चिह्नों का भी प्रयोग कर सकते हैं।

What-is-Data-and-Information

चिह्नात्मक डाटा उस डाटा को कहा जाता है, जिसमें अक्षरों, अंकों तथा दूसरे किसी भी चिह्न का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे किसी विद्यार्थी के घर का पता, उसका नाम, स्कूल में उसके द्वारा लिये गये विषय, या फिर किसी कम्पनी का नाम आदि। चिह्नात्मक डाटा के अंतर्गत जोड़ना, घटाना आदि अंकगणितीय क्रियाएँ नहीं की जा सकतीं, परन्तु हम उनकी तुलना (COMPARISON) या जाँच कर सकते हैं।

सूचना क्या है

हमारे पास बहुत तरह के डाटा का भंडार होता है, परन्तु वह सारा हमारे लिए हमेशा उपयोगी नहीं होता, क्योंकि डाटा अलग - अलग बिखरे हुए अव्यवस्थित तथ्य हैं, जिनसे कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। उदाहरण के लिए, किसी कक्षा में पढ़ने वाले लड़कों की अलग - अलग उम्र हमारे लिए डाटा है, परन्तु हमें उस कक्षा की औसत उम्र (AVERAGE AGE) की जरूरत है, यह हमारे लिए उपयोगी है, इसी उपयोगी डाटा को कम्प्यूटर की भाषा में सूचना कहा जाता है।

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हम डाटा इकट्ठा इसलिए करते हैं कि उसमें से सूचना निकाल सकें, इसके लिए हमें डाटा पर कुछ क्रियाएँ करनी पड़ती हैं। जैसे विद्यार्थियों की अलग - अलग उम्र में से औसत उम्र पता करने के लिए, पहले हम उन सबकी उम्रों को जोड़ेंगे, फिर सभी विद्यार्थियों को गिनने और अन्त में उम्रों के अंग्रेजी भाषा में 'सूचना' शब्द का प्रयोग अनेक अवधारणाओं की अभिव्यक्ति एवं अभिज्ञान के लिए किया जाता है। 'सूचना' के पर्यायवाची शब्द हैं- तथ्य आँकड़े या समंक, ज्ञान, आदि।

जब सूचना वस्तुनिष्ठ ज्ञान के रूप में प्रकाशित अवस्था में उपलब्ध होती है, तो उसकी अवधारणा भावात्मक रूप में अनुभव की जाने लगती है। इस परिप्रेक्ष्य में सूचना को एक तथ्य अथवा किसी विवरण के रूप में मान्य किया जाता है। सूचना या तथ्य को ऐसी भौतिक या शारीरिक, मानसिक या उद्वेगात्मक घटनाओं के रूप में देखा जाना चाहिए, जो वास्तव में घटित हुई हैं, जिनकी पुष्टि की जा सकती है, जिनकी पुन: परीक्षा या जाँच की जा सकती है एवं जिन्हें सच कहकर स्वीकार किया जाता है।

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